आज इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल सेक्टर काफी तेजी से ग्रो कर रहा है। और लोगो की कुछ इनसिक्योरिटी के बावजूद लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल को काफी तेजी से अपना रहे है। इसके दो मुख्य कारण है।
1. पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमत-
लोग पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमत से काफी परेशान है। और लोगो के बजट पर भी इसका सीधा असर पड़ता है।और इसके बाद पेट्रोल, डीजल वर्जन के व्हीकल की सर्विसिंग चार्ज, और मेन्टिनेंस चार्ज काफी महंगा होता है। हालांकि इलेक्ट्रिक व्हीकल की कॉस्ट पेट्रोल और डीजल व्हीकल की कॉस्ट से काफी ज्यादा होता है। लेकिन आने वाले 8 से 10 सालो में इलेक्ट्रिक व्हीकल, पेट्रोल और डीजल व्हीकल से भी सस्ते होंगे।
2.पर्यावरण प्रदूषण
आज दुनिया भर की सरकारें पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर गंभीर है। क्योकि पर्यावरण प्रदूषण के कारण आने वाले खतरे से सभी लोग वाकिफ है। और इस प्रदूषण को कम करने के लिए किसी के भी पास कोई भी ठोस और कारगर उपाय नही है सिवाय इलेक्ट्रिक व्हीकल के।
इलेक्ट्रिक व्हीकल ही वो कॉन्सेप्ट है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इसीलिए दुनियां भर की सरकारें ev के प्रति लचीला रुख अपना रही है। और ev के जल्द से जल्द विकास के लिए सब्सिडी भी दे रही है।
GEMRIX 2022
GEMRIX-2022 (Global Electric Mobility Readiness Index) एक ऐसी संस्था है जो ये जांच करती है। की किस देश मे इलेक्ट्रिक व्हीकल अपनाने के लिए आवश्यक दशाएं उपलब्ध है। और ev अपनाने में कौन देश सबसे आगे है।
GEMRIX किसी भी देश की EV अपनाने की प्रवृत्ति को मापने के लिए प्रमुख रूप से चार मापदंडो पर ध्यान केंद्रित करती है। वो है बाजार, ग्राहक, बुनियादी ढांचा और सरकारें।
इस सूचकांक को इलेक्ट्रिक व्हीकल और combustion engine से चलने वाले वाहनों के लिए बाजार की स्थितियों की तुलना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस संस्था द्वारा सभी देशों में उसके बाजार, ग्राहक, बुनियादी ढांचा और सरकारों के आधार पर नंबर दिया जाता है। यदि किसी देश को 100 नंबर मिला है तो इसका मतलब है के उस देश मे एक ev खरीदना और संचालित करना उतना ही फायदेमंद है जितना कि एक आंतरिक दहन इंजन के साथ।
इलेक्ट्रिक व्हीकल अपनाने में कौन देश सबसे आगे है। | Which country is ahead in adopting electric vehicles?
GEMRIX 2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में EV का समग्र उपयोग दुनिया भर में काफी तेजी से बढ़ा है।
115 स्कोर के साथ नार्वे ev अपनाने वाले देशों में शिर्ष पर है। जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल उस देश के नागरिको के बीच काफी लोकप्रिय है। भारत 31 अंक के साथ 11वे स्थान पर है। वही चीन 83 अंक, जर्मनी 76 अंक, UK 74 अंक, सिंगापुर 74 अंक पाए है।
भारत मे 40 प्रकार के वाहनों में से ग्राहकों को चुनने की आजादी है। हालांकि यह मुख्य रूप से टू और थ्री व्हीलर सेगमेंट में है। जब कि भारत मे निजी कार का अभी तक ev बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सा नही है। वही चीन में 100 से अधिक विभिन्न मॉडलों में से ग्राहकों को चुनने की आजादी है। जिनमे से लगभग आधे यात्री कार है।
Electric Vehicle Adoption Rate
हर देश की जनसंख्या, इकोनॉमी साइज, पर पर्सन इनकम, व्हीकल संख्या अलग अलग है। इसलिए ये देखना बहोत आवश्यक है के किसी देश मे बिकने वाली सभी गाड़ियों में ev का % कितना है।
2022 में प्रतिस्पर्धा में काफी वृद्धि हुई है। जिसकी वजह से कीमतों में काफी गिरावट और गुणवत्ता में वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2022 में इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों की बिक्री में क्रमशः 132% और 142% हुई है।
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